यह आईडी क्रैक लेप, शहद के मोम द्वारा तैयार किया जाता है शहद के मोम के साथ कपूर, नारियल तेल, दारू हल्दी, केऊ कंद, मोम मिलकर यह लेप तैयार किया जाता है। जो फटी हुई एड़ियों को 4-5 बार में ही ठीक कर देता है।
जंगल से कड़वा चिरायता और हरसिंगार प्राप्त करके इनका काढ़ा बनाया जाता है, जो सभी बीमारियों में लाभदायक है, जैसे जोड़ों का दर्द, हड्डी में बुखार, कमजोरी, एवं बुखार आदि में सहायक है। यह काढ़ा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में अमृत जैसा काम करता है।
यह दांतों के कालेपन और पीलेपन के निशान एवं गुटके के निशान कम समय में हटाने में मदद करता है एवं मसूड़ों की सूजन की समस्याओं में अत्यंत लाभकारी है। आयुर्वेदिक मंजन का उपयोग नियमित रूप से करने से दांतों की समस्याएं दूर होती हैं और मुंह की स्वच्छता बनी रहती है।
यहां के जंगलों में एक प्रकार की दारूहल्दी पाई जाती है, जो फेस ग्लो के लिए काफी अच्छा काम करती है, इस हल्दी के साथ-साथ कई अन्य औषधीय तत्व मिलते हैं, जैसे कि कुलंजन का फल, मुल्तानी मिट्टी, चंदन। इन चीजों से एक पाउडर तैयार होता है, जो चेहरे के लिए बहुत कारगर है।