पचमढ़ी के जंगलों में एक गुड़मार नाम का पत्ता पाया जाता है, इस पत्ते को खाने से 12 घंटे के लिए मीठे का स्वाद नहीं आता है, फिर शक्कर मिट्टी की तरह और चाय गरम पानी की तरह लगती है।
पचमढ़ी में एक प्रकार का सूई नींबू पाया जाता है, जिसका आकार 10 से 12 सेंटीमीटर तक हो जाता है। इस नींबू की विशेषता यह है इसमें साइट्रिक एसिड की मात्रा बहुत अधिक होती है। यदि इसमें लोहे की कील डाल दी जाए और एक सप्ताह बाद इसे काटा जाए, तो कील गल जाती है। फिर इस नींबू के साथ-साथ कई अन्य जड़ी बूटियां को मिला कर एक पाउडर तैयार किया जाता है, जो एक महीने में 3 से 4 किलो एक्स्ट्रा फैट या वजन कम करने में मदद करता है।
इस चूर्ण से पुरानी से पुरानी बवासीर पूरी तरीके से ठीक हो जाती है, और फिर इसे दोबारा कभी नहीं बनती क्योंकि यह जड़ से ठीक कर देता है। बवासीर तो ऑपरेशन करके भी ठीक कर लेते हैं लेकिन उससे फिर से हो जाती है, लेकिन इससे जो जड़ से खत्म होती है तो फिर दोबारा नहीं होती।