यह औषधि दमा की समस्याओं को कम समय में खत्म करती है। दमा में होने वाली परेशानियां जैसे खांसी, श्वास ठीक से ना आना, रात में होने वाली खांसी और सीने में जमा हुआ कफ आदि को ठीक करता है।
गैस एसिडिटी के लिए हम त्रिफला चूर्ण (आंवला, हरड़, बहेड़ा) का बेस लेकर कई अन्य औषधीय मिलाकर एक चूर्ण तैयार करते हैं, इसका रात में सेवन करने से सुबह तक पेट साफ हो जाता है। यह चूर्ण 30 दोनों का रहता है, लगातार 30 दिनों तक इस चूर्ण का सेवन करने से पाचन तंत्र बहुत मजबूत हो जाता है, जिससे 2 से 3 साल तक ईनो और गैस की टेबलेट जैसी चीज लेने की जरूरत नहीं पड़ती।
सतपुड़ा के जंगल में जटामांसी पाई जाती है, जिसमें केराटिन पाया जाता है एवं एलोवेरा टाइप का जेल निकलता है फिर जटामांसी को सरसों तेल में उबाला जाता है साथ ही साथ कई अन्य जड़ी-बूटियां जैसे आंवला,भृंगराज, शिकाकाई, रीठा आदि डाला जाता है, यह तेल बालों को झड़ने से केवल 7 दिनों में ही रोक देता है, फिर कंघी और तौलिया पर एक बाल भी नहीं आता है।