पहाड़ों एवं शिलाओं पर जब धूप पड़ती है, तो पहाड़ों का मिनरल्स एवं विटामिन लिक्विड फॉर्म में बाहर आता है वही शिलाजीत होता है। “शीला” से “जीत” कर बाहर आने वाला पदार्थ शिलाजीत कहलाता है। शिलाजीत को पहाड़ों का पसीना भी कहा जाता है।
पहाड़ों एवं शिलाओं पर जब धूप पड़ती है, तो पहाड़ों का मिनरल्स एवं विटामिन लिक्विड फॉर्म में बाहर आता है वही शिलाजीत होता है। "शीला" से "जीत" कर बाहर आने वाला पदार्थ शिलाजीत कहलाता है। शिलाजीत को पहाड़ों का पसीना भी कहा जाता है।
शिलाजीत को ऐसी जगह से निकाला जाता है,जहां बंदर भी ना पहुंच पाए, नहीं तो बंदरों का ग्रुप पूरा शिलाजीत चाट लेता है, तभी बंदर भी इतने फुर्तीले होते हैं। शिलाजीत का सेवन स्थानीय आदिवासी भी करते हैं,तभी वह भारी-भारी सामान लेकर जंगल पहाड़ के रास्ते आसानी से चढ़ पाते हैं। शिलाजीत किसी बीमारी के इलाज के लिए नहीं, बल्कि निरोगी रहने के लिए खाया जाता है।
उपयोग विधि शिलाजीत को एक चावल के दाने की मात्रा में किसी गर्म लिक्विड आइटम में जैसे गर्म चाय गर्म काफी गर्म पानी में घोलकर पीते हैं।
शिलाजीत 5 साल के बच्चों से लेकर बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष सभी इसका सेवन कर सकते हैं। (10 साल से कम उम्र के बच्चों को एक राइ के दाने की मात्रा में एक गिलास दूध में घोलकर दिया जाता है)
Benefits | शिलाजीत के लाभ
इम्युनिटी पावर मजबूत बनता है।
रक्त शुद्ध करता है।
हड्डियां मजबूत करता है।
दमा श्वास,लो बीपी,अस्थमा, करीब 36 बीमारियों में सहयोग करने में लाभदायक है एवं भविष्य में होने वाली बीमारियों को रोकने में सहायक है।
शिलाजीत का सेवन करने से,जैसे थोड़ी बहुत सीढ़ियां चढ़ने के बाद में हापी आना,थकान होना,आदि समस्याओं में पहली बार सेवन करने से ही लाभ मिलता है।
Vera Duncan –
good
Vera Duncan –
good