यह औषधि दमा की समस्याओं को कम समय में खत्म करती है। दमा में होने वाली परेशानियां जैसे खांसी, श्वास ठीक से ना आना, रात में होने वाली खांसी और सीने में जमा हुआ कफ आदि को ठीक करता है।
स औषधि से पुरुषों एवं महिलाओं को यूरिन के साथ सफेद पानी आना, एवं स्वप्नदोष होना, या किसी भी समय सफेद पानी का निकालना जड़ से खत्म हो जाता है। साथ ही, सफेद पानी जाने के कारण शरीर में होने वाली कमजोरी, सुस्ती, बेचैनी, आलस, थकान, हाथ-पैरों में दर्द एवं अपच जैसी समस्याओं को भी जड़ से खत्म करने में यह औषधि सहायक है।
अर्जुन की छाल से चूर्ण तैयार किया जाता है, इसमें अर्जुन के साथ-साथ अग्निमथ, श्योनक, पाटला, गम्भारी, गोक्षुर, पुनर्नवा आदि औषधीय मिलाई गई है। यह औषधि हृदय रोग, लिवर, कैंसर, तनाव, कमजोरी आदि में राहत दिलाती है।
जंगलों से आंवला एकत्रित करके, आंवले को धोकर कद्दूकस करके उसमें शहद मिलाकर यह आंवले का मुरब्बा तैयार करते हैं, जो स्वाद में काफी अच्छा होता है और बच्चों को बेहद पसंद आता है।
यह दांतों के कालेपन और पीलेपन के निशान एवं गुटके के निशान कम समय में हटाने में मदद करता है एवं मसूड़ों की सूजन की समस्याओं में अत्यंत लाभकारी है। आयुर्वेदिक मंजन का उपयोग नियमित रूप से करने से दांतों की समस्याएं दूर होती हैं और मुंह की स्वच्छता बनी रहती है।
जंगल से कड़वा चिरायता और हरसिंगार प्राप्त करके इनका काढ़ा बनाया जाता है, जो सभी बीमारियों में लाभदायक है, जैसे जोड़ों का दर्द, हड्डी में बुखार, कमजोरी, एवं बुखार आदि में सहायक है। यह काढ़ा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में अमृत जैसा काम करता है।
यह आईडी क्रैक लेप, शहद के मोम द्वारा तैयार किया जाता है शहद के मोम के साथ कपूर, नारियल तेल, दारू हल्दी, केऊ कंद, मोम मिलकर यह लेप तैयार किया जाता है। जो फटी हुई एड़ियों को 4-5 बार में ही ठीक कर देता है।