अर्जुन की छाल से चूर्ण तैयार किया जाता है, इसमें अर्जुन के साथ-साथ अग्निमथ, श्योनक, पाटला, गम्भारी, गोक्षुर, पुनर्नवा आदि औषधीय मिलाई गई है। यह औषधि हृदय रोग, लिवर, कैंसर, तनाव, कमजोरी आदि में राहत दिलाती है।
अर्जुन की छाल से चूर्ण तैयार किया जाता है, इसमें अर्जुन के साथ-साथ अग्निमथ, श्योनक, पाटला, गम्भारी, गोक्षुर, पुनर्नवा आदि औषधीय मिलाई गई है। यह औषधि हृदय रोग, लिवर, कैंसर, तनाव, कमजोरी आदि में राहत दिलाती है। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़, गठिया, और पेट से जुड़ी समस्याओं में भी यह लाभकारी है। इसके अतिरिक्त, यह इम्यूनिटी बढ़ाने और कई गंभीर बीमारियों को रोकने में सहायक है। जिन व्यक्ति को यह बीमारियां नहीं है, वह भी इसका सेवन कर सकते हैं, इसके सेवन से इन सब बीमारियों का खतरा बहुत कम हो जाता है।
सेवन विधि: एक चम्मच चूर्ण सुबह खाली पेट गर्म पानी में घोलकर पिएं।
• दिल की सेहत के लिए फ़ायदेमंद है.
• लिवर के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाती है
• स्वस्थ लिपिड प्रोफ़ाइल को बनाए रखने के लिए अच्छे
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