पचमढ़ी के शहद की औषधीय महत्व (medicinal value) काफी अधीक होती है क्योंकि पचमढ़ी में फूल नहीं पाये जाते। यहां की मधुमक्खियां जड़ी-बूटियों (वनस्पतियो) का पराख (रस) लेकर शहद तैयार करती है। इस वजह से ही यहां का शहद स्वाद में मीठे के साथ-साथ हल्का कड़वा और खट्टा लगता है। यहां का शहद जड़ी बूटी के रस से बनता है और पहाड़ पर होता हे इस कारण से ये शहद जंगली शहद भी कहलाता है। इस शहद की गुणवत्ता बाकी दूसरे शहद की तुलना में काफी ज्यादा होती है। यह शहद जड़ी बूटियो वाला होता है तो इसको आंखों पर भी लगाया जा सकता है और यह आंखों का नंबर वाला चश्मा हटाने में भी कारगर है।
औषधीय गुणों (मेडिसिनल वैल्यू) में यह शहद दुनिया के दूसरा स्थान पर आता है। इस वजह से पचमढ़ी का सबसे स्पेशल और खास प्रोडक्ट यहां का शहद ही होता है।
शुद्ध शहद के फायदे और उपयोग विधि
- आंखो से चस्मा हटाता है ~ शहद को काजल की तरह आंखों में लगाने से चश्मा 90 दिनों में निकल जाता है।
- हाइट बढ़ाने वाले हारमोन्स पैदा करता है ~ जिनकी उम्र 20 साल से कम है उन्हें एक चम्मच शहद खड़े होकर खिलाने से हाइट बढ़ाने वाले हारमोंस पैदा होते हैं।
- पाचन तंत्र को स्वस्थ्य रखने में सहायक ~ सुबह खाली पेट एक चम्मच शहद खाने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है गैस, एसिडिटी, और कब्ज नहीं होता है।
- त्वचा को मुलायम बनाएं ~ शहद को हल्दी और दो बूंद नींबू के रस में मिलाकर लगाने से त्वचा मुलायम होती है।
- शरीर का अत्यधिक वजन कम करने में सहायक ~ एक गिलास पानी में शहद एवं दो बूंद नींबू का रस मिलाकर पीने से शरीर की अत्यधिक चर्बी एवं वजन कम होता है।
- वजन बढ़ाने में सहायक ~ एक गिलास दूध में शहद मिलाकर पीने से वजन तेजी से बढ़ता है।
- थकान दूर करें: मानसिक और शारीरिक थकान के समय दो बड़े चम्मच शहद खाने से स्फूर्ति और प्रसन्नता महसूस होती है।
शुध्द शहद की पहचान
- शुध्द शहद किसी भी तापमान (टेम्प्रेचर) पर नहीं जमता। डीप फ्रीजर में रखने से भी नहीं जमता।
- पानी में डालने पर शहद नीचे बैठ जाता है और तुरंत नहीं घुलता।
- नोट या कागज़ पर शहद डालकर नीचे से आग लगाने पर नोट या कागज़ नहीं जलता।
- शहद को आंखों में लगाने से आंख जलन देती है।
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